Album | Patthar Ke Sanam |
Singer | Lata Mangeshkar, Mukesh |
Lyricist | Majrooh Sultanpuri |
महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे
महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है..महबूब मेरे
फ़िल्म : पत्थर के सनम (1967)
तू हो तो बढ़ जाती है
क़ीमत मौसम की
तू हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखें हैं शोला शबनम सी
यहीं मरना भी है मुझको
मुझे जीना भी यहीं है..महबूब मेरे
महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है..महबूब मेरे
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
अरमां किसको जन्नत की
रंगीं गलियों का
अरमां किसको जन्नत की रंगीं गलियों का
मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का
जहाँ पर हैं तेरी बाहें
मेरी जन्नत भी वहीँ है..महबूब मेरे
महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है..महबूब मेरे
रख दे मुझको तू अपना
दीवाना कर के
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के
नज़दीक आ जा फिर देखूं
तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों
कोई भी तुझसा नहीं है..महबूब मेरे
ओ..महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है..महबूब मेरे
महबूब मेरे..महबूब मेरे
महबूब मेरे
तू है तो दुनिया
कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो
कुछ भी नहीं है..महबूब मेरे